बेल (बिल्व) का शरबत यानि रस पीने के फायदे जानिए।
बेल जिसे बिल्व या शिवफल या शिरफल के नाम से जाना जाता हैं, कुदरत का दिया हुआ वरदान हैं। वैसे तो ज्यादातर बेल के पेड़ के पत्तों का इस्तेमाल बिल्वपत्र के रूप में भगवान शिव की पूजा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं। भगवान शंकर को बेलपत्र अर्पण करने से वह अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन आज हम बेलफल के फायदे जानेंगे। जी हाँ आज हम बेल (बिल्व) फल का शर्बत या रस बनाकर पीने से सेहत को होने वाले लाभ के बारे में जानेंगे।
ज्यादातर लोग बेल के फल के बारे में कम ही जानते हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं की बेल का फल कई सारी बिमारियों को दूर करने की शक्ति रखता हैं। आयुर्वेद में गर्मी के मौसम में बेल यानि बिल्व फल का सेवन करने की सलाह दी गयी हैं।
आप चाहे तो बेल का शर्बत बना कर पी सकते हैं। गर्मियों के दिनों में बेल का शरबत यानि रस पीने से शरीर को ताजगी और ठंडक की प्राप्ति होती हैं। इसके अलावा यह स्वास्थय से जुड़ी कई सारी परेशानियों को दूर कर देता हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं को बेल (बिल्व) फल का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह प्रेग्नेंट महिला और उसके होने वाले बच्चे को नुकसान पंहुचा सकता हैं। आइये जानते हैं बेल का रस पीने से शरीर को क्या-क्या लाभ होते हैं। बेल फल को English में Wood apple कहा जाता हैं। Health Benefits of Beal Sharbat (Juice) in Hindi.
100 ग्राम बेल फल के गुदे में पाए जाने वाले तत्वों की मात्रा :-
बेल का शरबत यानि रस पीने के फायदे :-
■ इन्फेक्शन से बचाता हैं
इसमें माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो बॉडी को इन्फेक्शन से बचाए रखने का काम करते हैं। इसलिए गर्मियों के दिनों में बिल्व फल का जूस जरूर पीना चाहिए।
■ खून बढ़ाने में मददगार
नियमित रूप से बेल का शर्बत पीने से हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने में मदद मिलती हैं। इससे शरीर में हुई खून की कमी दूर हो जाती हैं। इसलिए शरीर में खून बढ़ाने के लिए बेल का जूस पीना स्वादिष्ट उपाय हैं।
■ डायबिटीज में फायदेमंद
बिल्व में laxative का level ज्यादा होता हैं, यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कण्ट्रोल में रखता हैं। शरीर में इन्सुलिन के निर्माण में सहायता करता हैं। इससे डायबिटीज की बीमारी में काफी ज्यादा फायदा मिलता हैं।
■ कोलेस्ट्रॉल को कम करे
आयुर्वेद के अनुसार बेलपत्र का रस (बेल के पत्तियों का रस) निकाल कर पीने से कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद मिलती हैं। यह शरीर के खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने का अच्छा उपाय हैं।
■ लू लगने से बचाये
लू लगने पर बेल की ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मेहँदी की तरह पैरों के तलवों पर लगाना चाहिए। इसके अलावा सिर, छाती, हाथ आदि पर भी मालिश करे। बेल के शर्बत में मिश्री डाल कर पिए। इससे लू लगने की समस्या से तुरंत लाभ मिलता हैं।
■ अल्सर में फायदेमंद
बेल में फेनोलिक तत्व के साथ ही एंटी-ऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं। यही वजह हैं की बेल का रस गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक कर सकता हैं। इतना ही नहीं बेल का शरबत पीने से पेट में एसिड को बैलेंस करने में भी मदद मिलती हैं।
■ पेट की बिमारियों से छुटकारा दिलाये
पेट की बिमारियों को दूर करने में बेल रामबाण दवा की तरह काम करता हैं। बेल का शरबत पीने से कब्ज़ की समस्या को जड़ से खत्म करने में आसानी होती हैं। बेल फल का पका हुआ गुदा खाने से आँतों की अच्छी तरह से सफाई हो जाती हैं।
■ दिल के लिए फायदेमंद
बेल के रस को घी के साथ मिला कर थोड़ी मात्रा में नियमित रूप से लेते रहने से दिल से जुड़ी बिमारियों से बचने में मदद मिलती हैं। इसके शर्बत का सेवन करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने के खतरे को कम करने में काफी ज्यादा मदद मिलती हैं।
■ सांस से जुड़ी बिमारियों से राहत दिलाये
आयुर्वेद में बेल से निकलने वाले तेल का इस्तेमाल दमा और सांस से सम्बंधित बिमारियों के इलाज में किया जाता हैं।
ज्यादातर लोग बेल के फल के बारे में कम ही जानते हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं की बेल का फल कई सारी बिमारियों को दूर करने की शक्ति रखता हैं। आयुर्वेद में गर्मी के मौसम में बेल यानि बिल्व फल का सेवन करने की सलाह दी गयी हैं।
आप चाहे तो बेल का शर्बत बना कर पी सकते हैं। गर्मियों के दिनों में बेल का शरबत यानि रस पीने से शरीर को ताजगी और ठंडक की प्राप्ति होती हैं। इसके अलावा यह स्वास्थय से जुड़ी कई सारी परेशानियों को दूर कर देता हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं को बेल (बिल्व) फल का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह प्रेग्नेंट महिला और उसके होने वाले बच्चे को नुकसान पंहुचा सकता हैं। आइये जानते हैं बेल का रस पीने से शरीर को क्या-क्या लाभ होते हैं। बेल फल को English में Wood apple कहा जाता हैं। Health Benefits of Beal Sharbat (Juice) in Hindi.
100 ग्राम बेल फल के गुदे में पाए जाने वाले तत्वों की मात्रा :-
पोषक तत्व का नाम
|
बेल के गुदे के प्रति 100
ग्राम में पाए जाने वाली मात्रा
|
पानी
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61.5%
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कार्बोहाइड्रेट
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31.8%
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वसा (फैट)
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3%
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फाइबर
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2.9%
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प्रोटीन
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1.8%
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कैल्शियम
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85 ml
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फॉस्फोरस
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50 ml
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आयरन
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2.6 ml
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विटामिन सी
|
2 ml
|
कैलोरी
|
137
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बेल का शरबत यानि रस पीने के फायदे :-
■ इन्फेक्शन से बचाता हैं
इसमें माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो बॉडी को इन्फेक्शन से बचाए रखने का काम करते हैं। इसलिए गर्मियों के दिनों में बिल्व फल का जूस जरूर पीना चाहिए।
■ खून बढ़ाने में मददगार
नियमित रूप से बेल का शर्बत पीने से हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने में मदद मिलती हैं। इससे शरीर में हुई खून की कमी दूर हो जाती हैं। इसलिए शरीर में खून बढ़ाने के लिए बेल का जूस पीना स्वादिष्ट उपाय हैं।
■ डायबिटीज में फायदेमंद
बिल्व में laxative का level ज्यादा होता हैं, यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कण्ट्रोल में रखता हैं। शरीर में इन्सुलिन के निर्माण में सहायता करता हैं। इससे डायबिटीज की बीमारी में काफी ज्यादा फायदा मिलता हैं।
■ कोलेस्ट्रॉल को कम करे
आयुर्वेद के अनुसार बेलपत्र का रस (बेल के पत्तियों का रस) निकाल कर पीने से कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद मिलती हैं। यह शरीर के खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने का अच्छा उपाय हैं।
■ लू लगने से बचाये
लू लगने पर बेल की ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मेहँदी की तरह पैरों के तलवों पर लगाना चाहिए। इसके अलावा सिर, छाती, हाथ आदि पर भी मालिश करे। बेल के शर्बत में मिश्री डाल कर पिए। इससे लू लगने की समस्या से तुरंत लाभ मिलता हैं।
■ अल्सर में फायदेमंद
बेल में फेनोलिक तत्व के साथ ही एंटी-ऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं। यही वजह हैं की बेल का रस गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक कर सकता हैं। इतना ही नहीं बेल का शरबत पीने से पेट में एसिड को बैलेंस करने में भी मदद मिलती हैं।
■ पेट की बिमारियों से छुटकारा दिलाये
पेट की बिमारियों को दूर करने में बेल रामबाण दवा की तरह काम करता हैं। बेल का शरबत पीने से कब्ज़ की समस्या को जड़ से खत्म करने में आसानी होती हैं। बेल फल का पका हुआ गुदा खाने से आँतों की अच्छी तरह से सफाई हो जाती हैं।
■ दिल के लिए फायदेमंद
बेल के रस को घी के साथ मिला कर थोड़ी मात्रा में नियमित रूप से लेते रहने से दिल से जुड़ी बिमारियों से बचने में मदद मिलती हैं। इसके शर्बत का सेवन करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने के खतरे को कम करने में काफी ज्यादा मदद मिलती हैं।
■ सांस से जुड़ी बिमारियों से राहत दिलाये
आयुर्वेद में बेल से निकलने वाले तेल का इस्तेमाल दमा और सांस से सम्बंधित बिमारियों के इलाज में किया जाता हैं।
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