डिहाइड्रेशन से बचने के तरीके जानिए।
गर्मी के मौसम में fluid और लिक्विड का सेवन कम करने से बॉडी का इलेक्ट्रोलाइट्स बैलेंस ख़राब हो जाता हैं। इस समस्या को डिहाइड्रेशन कहा जाता हैं। जो की स्वास्थ्य के लिए बहुत ही गंभीर स्तिथि होती हैं। डिहाइड्रेशन होने पर इसका उपचार तुरंत करना चाहिए और डिहाइड्रेशन से छुटकारा पाना चाहिए। क्योंकि समय रहते अगर डिहाइड्रेशन का इलाज नहीं किया गया तो इससे किडनी फेल होना, ब्रेन हेमरेज होने जैसी खतरनाक परस्थितियों का सामना करना पड़ सकता हैं।
डिहाइड्रेशन होने के लक्षण यह हैं :-
• कब्ज़ होना
• स्किन ड्राई होना
• बार-बार मूंह सूखना
• थकान ज्यादा लगना
• बार-बार प्यास लगना
• सिरदर्द और चक्कर आना
• पेशाब कम और बहुत ज्यादा पीला आना
डिहाइड्रेशन के नुकसान यह हैं :-
■ ब्लड प्रेशर कम होना
■ पसीना-आंसू कम निकलना
■ चिड़चिड़ापन और कन्फ्यूजन की समस्या
■ बुखार आना
■ सांस और हार्ट बीट रेट तेज़ चलना
■ पेशाब कम होना
■ आदमी बेहोश भी हो सकता हैं
डिहाइड्रेशन से बचाव के तरीके :-
► सिगरेट और शराब को पीने से बचे
► हल्के और ढीले कपड़े पहने
► पोटैशियम से भरपूर चीजों का सेवन करे
► ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीजिये
► कॉफ़ी, चाय और कोल्डड्रिंक जैसे पेय को पीने से बचे
► बहुत ज्यादा कसरत न करे
► मसालेदार भोजन न खाए
आखिर डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) क्या होता हैं?
शरीर में fluid विशेष करके पानी की कमी की वजह से ही डिहाइड्रेशन की समस्या होती हैं। जिसमे पानी की मात्रा धीरे-धीरे करके सेल्स से बाहर निकलते लगती हैं और बाहर से शरीर को पानी की उतनी मात्रा नही मिल पाती हैं। जितनी की पानी की जरूरत शरीर को होती हैं। यह समस्या अमूमन गर्मियों के दिनों में ज्यादा होती हैं। इस समस्या को नज़रंदाज़ करना सेहत के लिए हानिकारक होता हैं, जिससे शरीर में कई सारी बीमारियाँ पैदा हो सकती हैं। मनुष्य के शरीर में 70% तक पानी की मात्रा होती हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को दिन भर कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। डिहाइड्रेशन की वजह से पसीना आना, gastrointestinal, लू लगना, बुखार आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा शरीर में पानी की कमी होने पर किडनियों पर भी बुरा असर पड़ता हैं और पेट से जुड़ी समस्याएं भी हो होने लगती हैं।
बड़ो में डिहाइड्रेशन होने के कारण क्या हैं :-
बुखार, धूप में ज्यादा रहना और ज्यादा कसरत करना, उल्टी, दस्त और यूरिन इन्फेक्शन, भोजन करने और पानी पीने की मात्रा में संतुलन न होना, स्किन इन्फेक्शन, बीमारी और मूंह की किसी भी प्रकार की बीमारी की वजह से एडल्ट लोगो में डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम हो सकती हैं।
वयस्कों में डिहाइड्रेशन के लक्षण :-
1. थकावट ज्यादा होने लगती हैं
2. चक्कर आने लगते हैं
3. कमजोर महसूस होती हैं
4. पसीना आना
5. बार-बार पेशाब जाना
6. मूंह बार-बार सोखना
7. प्यास ज्यादा लगने लगती हैं
वैसे तो पेशाब का रंग देख कर भी डिहाइड्रेशन का पता लगाया जा सकता हैं, और इसकी जांच करके जल्दी से जल्दी इसे दूर करने की कोशिस की जा सकती हैं।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
डिहाइड्रेशन के मरीज़ को इसके लक्षण कुछ ही दिनों में अपने आप पता लगने लगते हैं। डिहाइड्रेशन का इलाज आप खुद भी आसानी के साथ कर सकते हैं। लेकिन कई बार इसकी अनदेखी करने से यह समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो जाती हैं, जिसकी वजह से डॉक्टर की हेल्प लेनी पड़ती हैं।
इन लक्षणों के पाए जाने पर डॉक्टर से अपना चेकअप तुरंत करवाए :-
एक दिन से ज्यादा उल्टी होने पर, कई दिनों तक तेज़ बुखार रहने पर, 2 दिन से ज्यादा डायरिया होने पर, वजन कम होने पर, बार-बार पेशाब जाने पर, कमजोरी और थकान ज्यादा महसूस होने पर।
डिहाइड्रेशन होने के लक्षण यह हैं :-
• कब्ज़ होना
• स्किन ड्राई होना
• बार-बार मूंह सूखना
• थकान ज्यादा लगना
• बार-बार प्यास लगना
• सिरदर्द और चक्कर आना
• पेशाब कम और बहुत ज्यादा पीला आना
डिहाइड्रेशन के नुकसान यह हैं :-
■ ब्लड प्रेशर कम होना
■ पसीना-आंसू कम निकलना
■ चिड़चिड़ापन और कन्फ्यूजन की समस्या
■ बुखार आना
■ सांस और हार्ट बीट रेट तेज़ चलना
■ पेशाब कम होना
■ आदमी बेहोश भी हो सकता हैं
डिहाइड्रेशन से बचाव के तरीके :-
► सिगरेट और शराब को पीने से बचे
► हल्के और ढीले कपड़े पहने
► पोटैशियम से भरपूर चीजों का सेवन करे
► ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीजिये
► कॉफ़ी, चाय और कोल्डड्रिंक जैसे पेय को पीने से बचे
► बहुत ज्यादा कसरत न करे
► मसालेदार भोजन न खाए
आखिर डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) क्या होता हैं?
शरीर में fluid विशेष करके पानी की कमी की वजह से ही डिहाइड्रेशन की समस्या होती हैं। जिसमे पानी की मात्रा धीरे-धीरे करके सेल्स से बाहर निकलते लगती हैं और बाहर से शरीर को पानी की उतनी मात्रा नही मिल पाती हैं। जितनी की पानी की जरूरत शरीर को होती हैं। यह समस्या अमूमन गर्मियों के दिनों में ज्यादा होती हैं। इस समस्या को नज़रंदाज़ करना सेहत के लिए हानिकारक होता हैं, जिससे शरीर में कई सारी बीमारियाँ पैदा हो सकती हैं। मनुष्य के शरीर में 70% तक पानी की मात्रा होती हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को दिन भर कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। डिहाइड्रेशन की वजह से पसीना आना, gastrointestinal, लू लगना, बुखार आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा शरीर में पानी की कमी होने पर किडनियों पर भी बुरा असर पड़ता हैं और पेट से जुड़ी समस्याएं भी हो होने लगती हैं।
बड़ो में डिहाइड्रेशन होने के कारण क्या हैं :-
बुखार, धूप में ज्यादा रहना और ज्यादा कसरत करना, उल्टी, दस्त और यूरिन इन्फेक्शन, भोजन करने और पानी पीने की मात्रा में संतुलन न होना, स्किन इन्फेक्शन, बीमारी और मूंह की किसी भी प्रकार की बीमारी की वजह से एडल्ट लोगो में डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम हो सकती हैं।
वयस्कों में डिहाइड्रेशन के लक्षण :-
1. थकावट ज्यादा होने लगती हैं
2. चक्कर आने लगते हैं
3. कमजोर महसूस होती हैं
4. पसीना आना
5. बार-बार पेशाब जाना
6. मूंह बार-बार सोखना
7. प्यास ज्यादा लगने लगती हैं
वैसे तो पेशाब का रंग देख कर भी डिहाइड्रेशन का पता लगाया जा सकता हैं, और इसकी जांच करके जल्दी से जल्दी इसे दूर करने की कोशिस की जा सकती हैं।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
डिहाइड्रेशन के मरीज़ को इसके लक्षण कुछ ही दिनों में अपने आप पता लगने लगते हैं। डिहाइड्रेशन का इलाज आप खुद भी आसानी के साथ कर सकते हैं। लेकिन कई बार इसकी अनदेखी करने से यह समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो जाती हैं, जिसकी वजह से डॉक्टर की हेल्प लेनी पड़ती हैं।
इन लक्षणों के पाए जाने पर डॉक्टर से अपना चेकअप तुरंत करवाए :-
एक दिन से ज्यादा उल्टी होने पर, कई दिनों तक तेज़ बुखार रहने पर, 2 दिन से ज्यादा डायरिया होने पर, वजन कम होने पर, बार-बार पेशाब जाने पर, कमजोरी और थकान ज्यादा महसूस होने पर।
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